यीशु मसीह के द्वारा किये सभी अद्भुद कार्य, चिन्ह और चमत्कार
यीशु के
चमत्कारों की अद्वितीयता
यीशु मसीह का पृथ्वी पर आगमन केवल
शिक्षा और उपदेश देने तक सीमित नहीं था। उन्होंने ऐसे चमत्कार किए जिनसे लोगों को
शारीरिक चंगाई मिली, आत्मिक छुटकारा मिला,
और परमेश्वर की महिमा प्रकट हुई। यीशु के चमत्कार उनके परमेश्वर से
आए हुए होने का प्रमाण थे और उन्होंने उनके द्वारा परमेश्वर के राज्य की घोषणा की।
बाइबल कहती है:
"और भी बहुत से
काम हैं, जो यीशु ने किए; यदि वे एक-एक
करके लिखे जाते, तो मैं समझता हूं, कि
पुस्तकें जो लिखी जातीं वे जगत में भी न समातीं।”
(यूहन्ना 21:25)
1. यीशु मसीह की सेवकाई में चमत्कारों की भूमिका
यीशु के कार्यों को केवल ‘चमत्कार’
कहना पर्याप्त नहीं, वे “चिन्ह और अद्भुत कार्य” कहलाते हैं, जो आत्मिक सत्य को प्रमाणित करते हैं।
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मत्ती 11:4-6 और लूका 7:20-22 में यीशु यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले को जवाब देते हैं:
"अन्धे देखते हैं,
लंगड़े चलते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं,
बहिरे सुनते हैं, मरे जिलाए जाते हैं, और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है।"
ये कार्य मसीहा के आगमन के प्रमाण थे,
जो पुराने नियम की भविष्यवाणियों की पूर्ति थे (यशायाह 35:5-6;
61:1-2)।
2. चंगाई और शारीरिक चमत्कार
यीशु ने कई लोगों को व्यक्तिगत रूप से
चंगा किया:
- अंधे को दृष्टि दी (मरकुस 10:46-52)
- कोढ़ी को शुद्ध किया (लूका 17:11-19)
- खून बहने वाली स्त्री को चंगा किया (मत्ती 9:20-22)
- लाजर को मरे हुओं में से जिलाया (यूहन्ना 11:38-44)
📖
मत्ती 4:23-25:
“वह गलील में सब जगह
उपदेश करता और राज्य का सुसमाचार सुनाता और लोगों की सब प्रकार की बीमारियाँ और
दुर्बलताएं दूर करता।”
📖
मत्ती 14:35-36:
"उन्होंने उसकी
वस्त्र की अंचल तक छूई, और जितनों ने उसे छूआ, वे सब चंगे हो गए।"
यीशु के पास आने वाले हर व्यक्ति को
निराशा नहीं मिली।
3. विश्वास और चमत्कार का गहरा संबंध
यीशु ने सिखाया कि चमत्कार केवल
चमत्कार दिखाने के लिए नहीं, बल्कि विश्वास
उत्पन्न करने के लिए होते हैं।
📖
मत्ती 21:21:
"यदि तुम विश्वास
रखो और संदेह न करो... तो यह पहाड़ भी समुद्र में गिर सकता है।"
📖
मरकुस 9:23-24:
“यदि तू कर सकता है—यह
क्यों कहता है? विश्वास करने वाले के लिए सब कुछ संभव है।”
विश्वास चमत्कार की कुंजी है,
और यीशु इसे हर अवसर पर सामने लाते हैं।
4. प्रेरितों के माध्यम से कार्यों की निरंतरता
यीशु के स्वर्गारोहण के बाद भी
चमत्कार जारी रहे, क्योंकि उन्होंने
अपने चेलों को वही सामर्थ्य दी:
📖
प्रेरितों के काम 4:30:
"तेरे पवित्र सेवक
यीशु के नाम से चिन्ह और अद्भुत काम किए जाएं।"
📖
प्रेरितों के काम 6:8:
"स्तिफनुस सामर्थ
से परिपूर्ण होकर लोगों में बड़े अद्भुत काम और चिन्ह करता था।"
यह प्रमाणित करता है कि यीशु आज भी
कार्य करता है – अपने विश्वासियों के द्वारा।
5. यीशु के चमत्कारों की आत्मिक शिक्षा
यीशु के हर चमत्कार में आत्मिक अर्थ
छिपा है:
- रोटी बढ़ाना – यीशु जीवन की रोटी हैं।
- अंधे को दृष्टि देना – आत्मिक अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना।
- पानी पर चलना –
संसार की तूफानी परिस्थितियों पर प्रभुत्व।
यीशु के चमत्कार हमें परमेश्वर की
करुणा, प्रेम और सामर्थ्य का परिचय कराते हैं।
क्या
यीशु आज भी चमत्कार करता है?
हाँ, यीशु मसीह कल, आज और सदा एकसा है
(इब्रानियों 13:8)। वह आज भी चमत्कार करता है,
क्योंकि वह जीवित है और अपने लोगों में कार्य कर रहा है। उसका नाम
आज भी शैतान को पराजित करता है, बीमार को चंगा करता है,
और पापी को उद्धार देता है।
"उसके किए हुए
आश्चर्यकर्म स्मरण करो, उसके चमत्कार और निर्णय स्मरण
करो!" (भजन संहिता 105:5)
🙏
आपके लिए व्यक्तिगत संदेश
यदि आप आज किसी असंभव परिस्थिति से
जूझ रहे हैं, तो याद रखें – वह जिसने लाजर को जिलाया,
वह आपको भी नई आशा दे सकता है। विश्वास करें, प्रार्थना
करें, और मसीह के नाम में चमत्कार की आशा रखें।