ऋषिकेश में संन्यासी को सुसमाचार प्रचार | Gospel Preaching to a Sadhu in Rishikesh
ऋषिकेश में संन्यासी से मुलाक़ात और सुसमाचार का संदेश
हाल ही में मुझे ऋषिकेश जाने का अवसर
मिला, जहाँ गंगा घाट की पवित्र शांति में प्रभु ने
एक अनोखा दरवाज़ा खोला। घाट पर मेरी मुलाकात एक संन्यासी बाबा से हुई – एक ऐसा
व्यक्ति जो साधु जीवन जी रहा था, लेकिन परम सत्य से अनजान
था।
संन्यासी की
आत्मिक स्थिति – ज्ञान तो था, लेकिन
जीवन नहीं
जब मैंने उनसे बात की,
तो मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि वे आत्मज्ञान और मोक्ष की बात तो
करते थे, लेकिन उन्हें प्रभु यीशु मसीह और बाइबल का कोई भी
स्पष्ट ज्ञान नहीं था। वे एक ऐसे मार्ग पर चल रहे थे जिसमें दिखावटी भक्ति तो थी,
लेकिन जीवन को बदलने वाली सच्चाई नहीं थी।
सुसमाचार का बीज – प्रेम और नम्रता के साथ
मैंने प्यार और नम्रता के साथ उनके
सामने सुसमाचार साझा किया — कैसे यीशु मसीह ही एकमात्र मार्ग,
सत्य और जीवन हैं (यूहन्ना 14:6)। मैंने
उन्हें बताया कि मोक्ष कर्मों से नहीं, बल्कि परमेश्वर के
अनुग्रह और विश्वास के द्वारा प्राप्त होता है।
उनके चेहरे पर थोड़ी उलझन थी, लेकिन साथ ही एक
गहरी सोच भी दिखाई दी। यह उस क्षण का प्रमाण था कि परमेश्वर का वचन व्यर्थ नहीं
जाता (यशायाह 55:11)।
प्रार्थना का
निवेदन — आत्माओं के लिए करुणा
मैं आपसे विनती करता हूँ कि इस
संन्यासी के लिए प्रार्थना करें। वह अब भी निर्णय के उस मोड़ पर खड़ा है जहाँ सत्य
और परंपरा की टक्कर हो रही है। आइए मिलकर प्रार्थना करें कि प्रभु यीशु मसीह का
आत्मा उस पर कार्य करे और वह भी उद्धार का अनुभव करे।
क्यों यह वीडियो
महत्वपूर्ण है?
आज के समय में जब भारत में लोग आत्मा
की भूख को शांत करने के लिए अलग-अलग मार्ग ढूंढ रहे हैं,
तब यह वीडियो एक उदाहरण है कि कैसे सच्चा ज्ञान केवल यीशु मसीह में
मिलता है।
आप इस वीडियो को देखकर प्रेरित होंगे कि कैसे छोटे-छोटे प्रयास भी
किसी के जीवन को हमेशा के लिए बदल सकते हैं।
आपके विचार?
क्या आपने भी कभी किसी साधु, सन्यासी या
धार्मिक व्यक्ति के साथ सुसमाचार साझा किया है? नीचे कमेंट
में बताइए और इस कार्य के लिए प्रार्थना में सहभागी बनिए।