15 बाइबिल आयत पवित्र बने रहने की प्रेरणा के लिए । 15 Bible Verse for Holiness of God

क्यों पवित्रता हर मसीही जीवन का मूल है?
पवित्रता केवल एक धार्मिक शब्द नहीं,
बल्कि एक जीवनशैली है जिसे हर उस व्यक्ति को अपनाना चाहिए जो
परमेश्वर को जानता है। एक सच्चा मसीही वही है जो अपने विचारों, कार्यों और चालचलन में पवित्रता को प्राथमिकता देता है।
आज जब संसार में समझौते और आत्मिक
शिथिलता बढ़ रही है, तब यह आवश्यक है कि
हम परमेश्वर की पवित्रता को पहचानें और उसे अपने जीवन में अपनाएं। नीचे दिए
गए 20 बाइबल वचन आपको यही स्मरण दिलाते हैं कि पवित्रता कोई
विकल्प नहीं, बल्कि आदेश है।
पवित्र जीवन के लिए 20 बाइबल वचन
1
पतरस 1:15
"पर जैसा तुम्हारा बुलाने वाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चाल चलन में पवित्र बनो।"
1
पतरस 1:16
"क्योंकि लिखा है, कि पवित्र बनो,
क्योंकि मैं पवित्र हूं।"
लैव्यवस्था
19:2
"इस्त्राएलियों की सारी मण्डली से कह, कि तुम पवित्र बने रहो; क्योंकि मैं तुम्हारा
परमेश्वर यहोवा पवित्र हूं।"
लैव्यवस्था
20:26
"मैं ने तुम को और देशों के लोगों से इसलिये अलग किया है कि
तुम निरन्तर मेरे ही बने रहो।"
व्यवस्थाविवरण
14:2
"तू अपने परमेश्वर यहोवा के लिये एक पवित्र समाज है... तुझ
को अपनी निज सम्पत्ति होने के लिये चुन लिया है।"
यहोशू
24:19
"वह पवित्र परमेश्वर है; वह जलन
रखनेवाला ईश्वर है; वह तुम्हारे अपराध और पाप क्षमा न
करेगा।"
लैव्यवस्था
20:7
"इसलिये तुम अपने आप को पवित्र करो; और
पवित्र बने रहो; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा
हूं।"
भजन
संहिता 99:3
"वे तेरे महान और भययोग्य नाम का धन्यवाद करें! वह तो
पवित्र है।"
भजन
संहिता 99:5
"हमारे परमेश्वर यहोवा को सराहो... वह पवित्र है!"
भजन
संहिता 99:9
"उसके पवित्र पर्वत पर दण्डवत करो; क्योंकि
हमारा परमेश्वर यहोवा पवित्र है!"
यहेजकेल
39:7
"मैं अपनी प्रजा ईस्राएल के बीच अपना नाम प्रगट करूंगा...
मैं यहोवा, इस्राएल का पवित्र हूँ।"
भजन
संहिता 103:1
"हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह;
और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को
धन्य कहे!"
यशायाह
43:3
"मैं यहोवा तेरा परमेश्वर हूं, इस्राएल
का पवित्र मैं तेरा उद्धारकर्ता हूं।"
यहेजकेल
36:23
"मैं अपने बड़े नाम को पवित्र ठहराऊंगा... तब वे जातियां
जान लेंगी कि मैं यहोवा हूँ।"
1
इतिहास 16:10
"उसके पवित्र नाम पर घमंड करो; यहोवा
के खोजियों का हृदय आनन्दित हो।"
निष्कर्ष - चलिए पवित्रता की राह पर चलें
इन आयतों को पढ़ते हुए हमें यह स्पष्ट
समझ आता है कि परमेश्वर केवल हमारी आराधना से संतुष्ट नहीं होता,
वह हमारे चरित्र और जीवन की पवित्रता चाहता है।
यही उसका स्वरूप है – वह पवित्र है, और
वह चाहता है कि हम भी उसमें पवित्र बनें।
आत्मिक प्रेरणा
यदि आप मसीही जीवन में पवित्रता के
लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो घबराइए नहीं।
परमेश्वर का आत्मा हमारी सहायता करता है। प्रतिदिन प्रार्थना करें, बाइबल पढ़ें और आत्मा के फल में बढ़ते जाएँ।
आपका विचार क्या है?
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सशक्त बन सकें।