सबसे पहले हमें ये समझने की ज़रूरत है की शैतान सर्वव्यापी नहीं है। वह एक समय पर एक से अधिक स्थान में नहीं हो सकता। केवल परमेश्वर ही सर्वव्यापी हैं और अंतर्यामी हैं। केवल परमेश्वर सब कुछ जानते हैं और मनों को जांच और जान सकते हैं। शैतान अपनी सभी जानकारी के लिए अपनी सेना यानि दुष्तात्माओं पर निर्भर करता है।

तो क्या शैतान हमारे मनों, हमारी सोच को और हमारे ख़यालों को पढ़ सकता है ? जवाब है नहीं। (1 राजा 8:39) परमेश्वर प्रत्येक मनुष्य के हृदय को जानते हैं और परमेश्वर के अतिरिक्त और कोई ऐसा नही है। परमेश्वर हमारे बोलने से पहले ही जानते हैं की हम क्या बोलेंगे।(भजन संहिता 139:4) हमारे मन मे चलने वाले हर एक विचार को परमेश्वर जानते हैं। यीशु मसीह परमेश्वर होते हुये मनुष्य के मन में चलने वाली हर बात को उनके बिना बोले जानते थे। (यूहन्ना 20:25, मत्ती 9:4, यूहन्ना 6:64)

बाइबल बताती है की शैतान शक्तिशाली है। एक समय वह सभी स्वर्ग दूतों का प्रधान था। उसके पास इतनी बौद्धिक क्षमता थी की उसने एक तिहाई स्वर्ग दूतों को परमेश्वर के साथ बलवा करने के लिए मना लिया  था। (प्रकाशित वाक्य 12:4) यहाँ तक की शैतान के स्वर्ग से गिराए जाने के बाद भी प्रधान स्वर्गदूत मिकाएल ने बिना परमेश्वर की आज्ञा के लूसिफर का सामना करना न चाहा । (यहूदा 1:19) शैतान आकाश की शैतानी सेनाओं का प्रधान है। वह ऐसी आत्मा है जो हर एक आज्ञा न मानने वाले के अंदर कम करती है। (इफिसियों 2:2) किन्तु शैतान की शक्तियों की भी सीमा है और मनुष्य के मनों को जानना उसकी शक्तियों के बाहर है।

शैतान और उसके दूतों को यदि मनुष्यों के मन में चल रही बातों को जानना है तो उसे सर्व व्यापी बनना पड़ेगा, जोकि वो नहीं है। केवल परमेश्वर हैं जो हमारे मनों को जानते हैं। यद्यपि शैतान के पास ऐसी शक्ति नहीं है फिर भी वह हजारों सालों से मनुष्य जाती को देखता और परखता आया है। और अवश्य है वो हमारे सोचने समझने और काम करने के तरीके के विषय में लगभग सटीक अंदाज़ा लगा सकता है। और इसीके आधार पर शैतान मनुष्यों के लिए लोभ लालच फंदे और ठोकर लगाने में बोहुत कामयाब रहा है। और इसलिए परमेश्वर का वचन कहता है "इसलिये परमेश्वर के आधीन हो जाओ; और शैतान का साम्हना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा।" याकूब 4:7